Ravi Pradosh रवि प्रदोष व्रत कल, करें भगवान शिव और सूर्य देव की उपासना, होगा लाभ
- By Habib --
- Saturday, 18 Mar, 2023
Ravi Pradosh fast tomorrow
Ravi Pradosh fast tomorrow हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह व्रत कल 19 मार्च रविवार के दिन रखा जाएगा। सनातन धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ सूर्य देव की उपासना का भी विधान है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस उपवास रखने से साधक को रोग एवं दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही उसे धन-समृद्धि और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
शास्त्र नियमावली के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना सूर्यास्त के 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट के बाद तक की जाती है। साथ ही इस दिन साधकों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।
रवि प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
* चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 19 मार्च 2023, सुबह 06 बजकर 37 मिनट से
* चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त: 20 मार्च 2023, सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर
* रवि प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त: 19 मार्च 2023 रविवार, शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात्रि 08 बजकर 44 मिनट तक
पूजा विधि
* प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें और सफेद रंग का वस्त्र धारण करें।
* इसके बाद तांबे के लोटे में जल, रोली, अक्षत और पुष्प मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें।
* फिर घर के मन्दिर में भगवान शिव की विधिवत उपासना करें और मन-ही-मन ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
* प्रदोष काल में भगवान शिव को पंचामृत अर्थात दूध, दही, घी, शक्कर और मधु से स्नान कराएं और अक्षत, चंदन और बेलपत्र आदि अर्पित करें।
* इसके बाद धूप-दीप जलाएं और भगवान शिव को खीर व चफल का भोग लगाएं। अंत में शिव चालीसा और भगवान शिव की आरती का पाठ करने बाद पूजा सम्पन्न करें।
रवि प्रदोष व्रत नियम
* रवि प्रदोष व्रत के दिन साधक साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और विशेष रूप से पूजा-स्थल व ईशान को स्वच्छ रखें।
* प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज या लहसुन का सेवन ना करें और मांस व मदिरा का सेवन भी इस दिन वर्जित है।
* व्रत की अवधि में मन में नकारात्मक या गलत विचार उत्पन्न न होने दें और परिवार के किसी बड़े या छोटे सदस्य से कलह ना करें।
रवि प्रदोष व्रत के दिन नाखून, बाल या दाड़ी बनवाना भी वर्जित है। ऐसा करने से भगवान क्रोधित हो सकते हैं।
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